माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है। माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है।

Saturday, February 28, 2009

फर्क

"किसी के एक आँसू पर
हजारों दिल पिघलते हैं
किसी का उम्र भर रोना
यूँ ही बेकार जाता है...!"

बिना शीर्षक

ज़हर के जाम में फ़िर श्याम के दर्शन होंगे
कोई बौराए तो इस दौर में मीरा की तरह ...!!

Tuesday, February 24, 2009

यही है सच ज़िन्दगी का

"आदमी बुलबुला है पानी का

और ...पानी की बहती सतह पर

टूटता भी है..डूबता भी है ...

फ़िर उभरता है ...फ़िर से बहता है...

न समंदर निगल सका उसको...

न तवारीख तोड़ पायी है...

वक्त की मौज पे सदा बहता ...

आदमी बुलबुला है पानी का....!!!"

Monday, February 23, 2009

ब्लॉग की दुनियां में आपका स्वागत है....

मेरा पहला ब्लॉग

ब्लॉग की दुनिया में मैं आपका नया हमसफ़र हूँ ...


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