माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है। माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है।

Tuesday, September 7, 2010

गम-ए-ज़िन्दगी

खुदा के फैज़ की शायद यही निशानी है
गमो का बोझ है और उम्र जाविदानी है...इन्दर भान भसीन

सफ़र

सफ़र है शर्त मुसाफिर नवाज़ बहुतेरे
हज़ार हा शज़र-इ-सायादार राह में है ...

Thursday, October 15, 2009

चिराग

ये और बात है कि आंधी हमारे बस में नहीं ,

मगर चिराग जलाना तो इख्तियार में है ...!!!

Saturday, April 18, 2009

फ़िर वापस...!!!

दुनियाँ भर के झमेलों से निबटने के बाद ..... आप सबसे हौसला अफ़जाई की उम्मीद लिए ..... ब्लॉग की दुनियाँ में एक बार फ़िर वापसी....!!!

इशारा

"खुश्क मैदान में ये किश्तियाँ यूँ ही नहीं

यहाँ ज़रूर कोई सैलाब आया होगा ...!!!"

Saturday, April 4, 2009

नादान

मुझको तो मालूम नहीं

तुमको खबर है क्या ?

लोग कहते हैं कि

नादान है वो......!!!

Tuesday, March 17, 2009

किसी ने क्या खूब कहा था.....

"घर से निकलो छाँव न छोडो,

मझधार में नाव न छोडो

हार-जीत एक अलग बात है

सो तुम अपना दांव न छोडो ..."

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