Rajeev Saxena
माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है। माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है।
Monday, February 23, 2009
मेरा पहला ब्लॉग
ब्लॉग की दुनिया में मैं आपका नया हमसफ़र हूँ ...
1 comment:
Anonymous
February 28, 2009 at 11:45 AM
आपका स्वागत है.
रमन कुमार
करोलबाग ,नई दिल्ली
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आपका स्वागत है.
ReplyDeleteरमन कुमार
करोलबाग ,नई दिल्ली