माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है। माना कि मुक़द्दर का लिखा अपनी जगह है, फिर भी तो फकीरों की दुआ अपनी जगह है, मैं हर रोज़ इसी पेज के कोने में मिलूँगा वैसे तो मेरा असली पता अपनी जगह है।

Thursday, March 12, 2009

शीर्षक आप लगायें...!!!

बेइंतेहा खामोश थी

उसकी हसरतें,

लोग फ़िर भी क्यूँ उन्हें

कुचलते चले गए...!! "तन्हा"

4 comments:

  1. कम शब्‍दों में बडी बात ...

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  2. yaaro saabdo ki herpher hai jis per duniya dher hai
    kahin bichade hueo ko milata hai saabde to kahin nasoor ban jata hai saabde.

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